Monday, December 23, 2024
Google search engine
HomeBlogइंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक ने एक ऐसा ड्रोन तैयार, दुश्मनों के ठिकानों...

इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक ने एक ऐसा ड्रोन तैयार, दुश्मनों के ठिकानों को दूर से पहचान लेगा

IIT कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक ने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है, जो दिखने पर जरूर छोटा है लेकिन दुश्मनों के लिए उतना ही घातक साबित होने वाला है। इस ड्रोन को तैयार करने में वैज्ञानिकों को करीब 2 साल का समय लगा। इस ड्रोन के आने के बाद डिफेंस सेक्टर को एक बड़ी मजबूती हासिल होगी। ये आत्मघाती ड्रोन अब दुश्मनों के ठिकानों का सफाया करने में काफी मददगार साबित होगा। इसका वजन महज 2 किलो का है। इसके अलावा 40 किलोमीटर दूर स्थिति दुश्मनों को खत्म करने में सहायक होगा।बताते चले कि इससे पहले भी संस्थान के वैज्ञानिक 100 किलोमीटर की रेंज वाला छह किलोग्राम का ड्रोन तैयार कर चुके है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिक डॉ. सुब्रमण्यम सडरेला और उनकी टीम ने इस ड्रोन को तैयार किया है। डॉ. सडरेला ने बताया कि इस ड्रोन की खासियत ये है कि पड़ोसी देश में जाकर वापस आ सकता है।इसे वीयू रडार में न आने के लिए इसमें स्टेल्थ तकनीक का इस्तेमाल किया गया हा और ये फोल्डेबल फिक्स्ड विंग वाला ड्रोन है, जो कि 14 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम है। डॉ. सडरेला ने बताया कि हम लोगों ने इसका नाम कामकाजी ड्रोन रखा है। यह एक जापानी शब्द है, जिसका अर्थ सुसाइडल ड्रोन है। टीम ने ड्रोन के अलावा इसमें प्रयोग होने वाले लांचर और सिम्युलेटर तैयार किया है।इस लांचर की मदद से ही ड्रोन को दुश्मनों के टीकाने तक भेजा जाता हैं। वहीं, सिम्युलेटर की मदद से जिस जगह पर ड्रोन का अटैक होना है वहां के वातावरण की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सकेगा। सैटेलाइट डाटा की मदद से सिम्युलेटर तैयार किया जाता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments