आगरा : थाना ताजगंज थाना क्षेत्र में पुलिस चौकी से थोड़ी दूरी पर ही देह व्यापार के अड्डे चल रहे थे। यहां नाबालिग लड़कियों से देह व्यापार कराया जाता था देह व्यापार के अड्डों से पुलिस चौकी ज्यादा दूर नहीं है। पुलिस को इसकी भनक नहीं थी। दिल्ली के एनजीओ ने पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया। संयुक्त टीम बनाकर छापेमारी हुई। दो घरों में दबिश देकर 8 पुरुष और दो महिलाओं को पकड़ा। पांच लड़कियां को मुक्त कराया गया। दो नाबालिग है।एनजीओ फ्रीडम फर्म ने पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया था। बताया था कि शहर के बीचों बीच मुकुंद विहार में दो घरों में देह व्यापार का अड्डे चल रहे हैं। सूचना पर एसीपी ताजगंज सैयद अरीब अहमद, एसीपी सुकन्या शर्मा, ताजगंज और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थाना पुलिस ने मुकुंद विहार को घेर लिया। घर पहले से चिन्हित थे। चारों तरफ पुलिस देखकर लोग घबरा गए। लोगों को पहले से पता था कि इन घरों में अवैध काम होता है। वे रंजिश के डर से खामोश रहते थे। दो घरों में दबिश देकर आठ पुरुष और दो महिलाओं को पकड़ा गया। महिलाएं ही संचालक थीं। नाबालिग लड़कियों से जबरन देह व्यापार कराया जाता है। विरोध करने पर उन्हें भूखा रखा जाता है। उनके साथ मारपीट की जाती है। सुबह से शाम तक घर में ग्राहकों की लाइन लगी रहती है। चर्चा तो यह है कि चौकी पर कुछ पुलिस कर्मियों को इस अड्डे के बारे में जानकारी थी। एसीपी ताजगंज सैयद अरीब अहमद ने बताया कि दो महिलाएं अड्डों की संचालिका हैं। जिनमें एक की उम्र 65 वर्ष है। पुरुषों और संचालिकाओं के खिलाफ देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा लिखकर कार्रवाई की जाएगी।एसीपी ने बताया कि मौके पर पांच लडकियां मिली जिनसे देह व्यापार कराया जाता था। दो नाबालिग प्रतीत हो रही हैं। सभी का मेडिकल कराया जाएगा। बयान दर्ज होंगे। उनके बयानों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा। नाबालिग लड़कियों के बयान के आधार पर दुराचार की धारा भी लगाई जाएगी। मुंबई और कोलकाता से नाबालिग यहां तक कैसे पहुंची। उनके परिजन कौन हैं। उनके साथ क्या हुआ था। उनका उत्पीड़न किस तरह किया जाता था। इलाके में और ऐसे कितने घर हैं। इस बारे में जानकारी की जा रही है।