कानपुर :दानिश खुदकुशी कांड में सोमवार को एक और बड़ा खुलासा हुआ है। खुदकुशी करने से ठीक एक दिन पहले दानिश ने अपने पिता के मित्र और वकील मनोज कुमार पाण्डेय से भी मुलाकात की थी। तब उसने वकील से कहा भी था कि दरोगा माजिद फोन करके बहुत परेशान कर रहा है। आप एक बार चलकर बात कर लो। इधर दानिश के परिजनों का भी कहना है कि तहरीर उनसे बदलवाई गई है क्योंकि घटना के बाद परिवार की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी।8 नवम्बर को मॉल रोड स्थित शिव नारायण टंडन सेतु के नीचे ट्रेन के सामने सिर रखकर दानिश खान ने जान दे दी थी। इस मामले में दानिश की मां रईसा बेगम ने 9 नवम्बर को जो तहरीर दी उसमें दरोगा माजिद को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया। वहीं 10 नवम्बर को जो एफआईआर दर्ज हुई उसमें दरोगा का नाम नहीं था। वकील मनोज कुमार पाण्डेय ने बताया कि 7 नवम्बर को दानिश उनसे मिलने पहुंचा। उसने कहा था दरोगा माजिद बहुत परेशान कर रहा है और आप एक बार उससे बात कर लीजिए। वकील के मुताबिक दानिश ने यह भी बताया था कि उसने 1.5 लाख रुपए की व्यवस्था कर ली है। दरोगा ने कहा है कि वह 3 लाख तक में समझौता करा देगा। वह चाहता था कि अभी एक लाख रुपए सरताज को दे दिया जाए और 50 हजार रुपए दरोगा को देने की बात कही थी।एडवोकेट मनोज कुमार पाण्डेय ने बताया कि कुछ समय पूर्व वह दानिश के कहने पर माजिद की बेगमपुरवा चौकी भी गए थे। उसने दोनों पक्षों को बात करने के लिए बुलाया था। वहां पर सरताज भी मौजूद था। जब बात शुरू हुई तो सरताज ने चौकी के अंदर दरोगा माजिद के सामने दानिश को गाली देना शुरू कर दिया। इसका वकील ने विरोध भी किया था तब दरोगा माजिद ने सरताज को टोका था।दानिश के भाई लवी खान के मुताबिक एसीपी ने उन्हें बयान दर्ज कराने के सोमवार को बुलवाया था मगर उन्होंने अधिकारी को जानकारी दी है कि उनके यहां शोक सभा के कारण वह नहीं आ पा रहे हैं। लवी के मुताबिक वह मंगलवार को मामले में बयान दर्ज कराएंगे।लवी खान के मुताबिक मां ने पहले जो तहरीर दी थी उसपर पुलिस वालों ने आपत्ति की। उस समय परिवार की मानसिक हालत स्थिर नहीं थी। इस कारण जो तहरीर पुलिस वालों ने कही वही उन्हें लिखकर दे दी गई थी
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