Monday, December 23, 2024
Google search engine
HomeBlogआसान होगी सीसामाऊ से भाजपा की जीत ? नसीम सोलंकी को मिलेगा भावनात्मक...

आसान होगी सीसामाऊ से भाजपा की जीत ? नसीम सोलंकी को मिलेगा भावनात्मक वोट मिलेगा ?

क्या आसान होगी सीसामाऊ से भाजपा की जीत ?
क्या नसीम सोलंकी को मिलेगा भावनात्मक वोट मिलेगा ?
नीतू सिंह, मुकुंद मिश्रा और राकेश सोनकर का नाम किया गया दरकिनार कितने कामयाब होंगे सुरेश अवस्थी ?मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा को बड़ी चुनौती झोंक रही भाजपा पूरी ताकत सीसामऊ सीट पर डायरेक्ट आलाकमान की नजर 

नसीम सोलंकी के नाम पर मुहर लगने के बाद भाजपा खेमे से सुरेश अव्श्थी का नाम की घोषणा कर दी गई. वहीँ राजनैतिक विश्लेशोकों ने माना की  नसीम को टिकट मिलने से एक तरफ जहां भावनात्मक वोट मिलेगा। वहीं इरफान से जुड़े हिंदुओं का वोट भी पड़ सकता है। हालांकि, भाजपा हिंदू वोटर्स को सपा में जाने से रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। ये सीट साल 1991 से 2002 तक लगातार 3 बार भाजपा के पास रही है। यहां से 3 बार राकेश सोनकर विधायक रहे। जबकि इसके बाद 2002 से 2012 तक कांग्रेस से संजीव दरियाबादी के पास रही। दोनों ही विधायक दलित चेहरे के रूप में यहां से जीत कर आए। भाजपा बीते चुनावों पर ब्राह्मण चेहरे पर दांव लगा रही है, लेकिन हार का मुंह ही देखना पड़ रहा है। वर्ष 2012 में इस विधानसभा क्षेत्र का नया परिसीमन हुआ। उसके बाद से यह सीट सपा के पास रही।
वहिं जानकारों ने माना की इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा को जीत दर्ज करने के लिए ब्राह्मण और दलितों को एकजुट करना होगा। क्योंकि मुस्लिम वोटर्स भाजपा से खासा नाराज हैं। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा सीसामऊ विधानसभा बुरी तरह हार चुकी है। ऐसे में भाजपा को मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी।

2012 के बाद से इस सीट पर 3 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद पहली बार उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर भाजपा हमेशा ही दूसरे नंबर पर रही, लेकिन जीत दर्ज नहीं कर सकी। इस सीट पर मुस्लिम निर्णायक हैं। ऐसे में भाजपा ने योजनाओं के बहाने मुस्लिमों को साधने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। आप्को बता दें सीसामाऊ विधान सभ्जा सीट पर  मुस्लिम 111000, ब्राह्मण 70000, दलित 60000, कायस्थ 26000, सिंधी और पंजाबी 6000, क्षत्रिय 6000, अन्य पिछड़ा वर्ग 12411 हैं वहीँ दैनिक भाष्कर को दिए इंटरव्यू में नसीम सोलंकी ने बताया कि  मैं चुनाव लड़ने के लिए मैदान में  हूं। लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ मुसलमानों के वोट से जीतूंगी। ऐसा नहीं है, हिंदुओं का वोट हमारे लिए बोनस का काम करता हैं। BJP रामपुर जैसा सीसामऊ में करने की कोशिश करेगी, तो भी यहां की जनता उन्हें हरा देगी। जब से पति जेल गए हैं, क्षेत्र का विकास रुक गया है। DM और विकास भवन से फाइल अप्रूव नहीं होती है। वहीँ भाजपा ने सीसामऊ सीट पर चला आ रहा उहापोह खत्म करते हुए सुरेश अवस्थी को प्रत्याशी बनाया है। इसी के साथ  पार्टी ने अन्य दावेदारों के कयासों को भी खत्म कर दिया है .

प्रत्याशी को नामांकन के आखिरी दिन नामांकन दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। सुरेश सीसामऊ सीट से पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने आखिरी मौके पर राकेश सोनकर का नाम वापस ले लिया।
पहले भी लड़ चुके हैं इस सीट पर चुनाव वर्ष 2017 में सीसामऊ सीट से प्रत्याशी रहे सुरेश अवस्थी को भाजपा ने एक बार फिर सीसामाऊ विधानसभा के उपचुनाव से मैदान में उतारा है। उनकी पत्नी का नाम पूनम अवस्थी हैं। उनकी आय का मुख्य स्रोत व्यापार है। एमकॉम, एलएलबी की पढ़ाई करने वाले सुरेश अवस्थी छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इरफान सोलंकी को 73,030 जबकि सुरेश अवस्थी को 67204 वोट मिले थे। इस तरह सुरेश अवस्थी को 5826 वोटों से इरफान सोलंकी के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था। वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में सुरेश आर्यनगर से लड़े थे, जहां सपा के अमिताभ बाजपेई को 76897 और सुरेश को 68973 वोट मिले थे। इस तरह अमिताभ बाजपेई के हाथों 7924 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।  हालात हालांकि सीट से बैरिस्टर वीरेंद्र सिंह  की बहू नीतू सिंह के नाम को आगे किया गया था उनके नाम पर चर्चाएं भी चल रही थी यहां तक की राकेश सोनकर ने तो तीन सेट ले लिए थे और लखनऊ भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंच गए थे वहीं मुकुंद मिश्रा के सबसे करीबी संत मिश्रा उनके साथियों ने निगम जोन एक कार्यालय पहुंचकर नोड्यूल्स लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी लेकिन पार्टी ने इन तीनों ही प्रत्याशियों को दरकिनार करते हुए आखिरकार सुरेश अवस्थी पर ही अपना विश्वास जताया है जानकारी मिल रही है कि नसीम सोलंकी और भाजपा के प्रत्याशी सुरेश अवस्थी की कड़ी टक्कर होगी लेकिन जानकार मान रहे हैं कि नसीम सोलंकी को हराना बीजेपी के लिए आसान नहीं होने वाला है फिलहाल भारतीय जनता पार्टी ने सीट पर काबिज होने के लिए पूरा दाम कम लगाया हुआ है और ऐसा बताया जा रहा है कि सुरेश अवस्थी और नसीम सोलंकी के बीच में कांटे का मुकाबला होगा अब क्या होगा वह तो उपचुनाव के नतीजे के बाद ही पता चलेगा.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments