Tuesday, December 24, 2024
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लगातार हो रहे अचानक हार्ट अतीक से लोगो की असमय मौत हो रही जिससे लोग सदमे में हैं

अचानक अटैक तुरंत हो जाती है मौत हार्ट अटैक से हो रही मौतों पर बोले डाक्टर

हार्ट को लेकर कही बड़ी बात-

लगातार हो रही है आर्ट अटैक से हो आरही मौतों से अनायास ही ध्यान इस और जाता है  कई ऐसी घटनाएं देश में हो चुकी है जिसमें व्यक्ति नॉर्मल काम करते हुए दिखाई देता है और अचानक उसकी मौत हो जाती है निश्चित तौर पर बेहद अप्रत्याशित है इस पर आज इंडियन प्राइम न्यूज़ द्वारा एक विशेष खबर आपको हम दिखा रहे हैं आपको बता दें उपरोक्त विशेष खबर में मीडिया माध्यमों के सोर्स को शामिल किया गया है  दैनिक भास्कर में छपी एक खबर के अनुसार डॉक्टर्स के मुताबिक, यूं तो भारत में हार्ट डिजीज से हो रही मौतों का कोई आंकड़ा नहीं है, लेकिन दुनिया में 25 लाख लोगों की मौत का कारण हार्ट डिजीज है। नारायणा हॉस्पिटल के डॉ. राहुल शर्मा और डॉ. अंकित माथुर ने बताया कि वर्ष 2030 तक यह आंकड़ा तीन करोड़ तक हो जाएगा। वहीं भारत में इन मौतों की 26 प्रतिशत मौत हार्ट डिजीज से हो रही हैं। सबसे ताज्जुब की बात यह कि 18 साल तक की उम्र के युवाओं को हार्ट डिजीज हो रही हैं। इनमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज, दिल का दौरा प्रमुख हैं।मिली जानकारी के अनुसार शोध करने से पता चला है कि सूजन से कोविड आपके दिल को नुक्सान पहुंचाता है  जब आपको पहली बार संक्रमण होता है, तो आपका शरीर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करता है। इससे सूजन वाली कोशिकाओं और साइटोकिन्स का उत्पादन होता है। दैनिक भास्कर में छपी एक खबर के अनुसार सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अशोक गर्ग ने बताया कि एंजाइना को छाती में भारीपन, असामान्य दबाव, तेज दर्द, जलन, ऐंठन के अहसास के रूप में पहचाना जा सकता है। कई बार इसे अपच या हार्ट-बर्न समझने की गलती भी हो जाती है। इसलिए लापरवाही नहीं करें। एंजाइना कंधे, बांहों, गर्दन, गले, जबड़े या पीठ में भी महसूस की जा सकती है। बीमारी के दूसरे लक्षण छोटी-छोटी सांस आना, धड़कनों का तेज होना, कमजोरी या चक्कर आना, उल्टी आने का अहसास होना और पसीना आना भी हो सकते हैं। डॉ. राहुल शर्मा ने बताया कि दिल का दौरा आने पर इसके लक्षण आधे घंटे तक या इससे ज्यादा समय तक रहते हैं। साथ ही आराम करने या दवा खाने से भी आराम नहीं मिलता। लक्षणों की शुरुआत मामूली दर्द से होकर गंभीर पीड़ा तक पहुंच सकती है। कुछ लोगों में हार्ट अटैक का कोई लक्षण सामने नहीं आता, जिसे हम साइलेंट मायोकार्डियल इन्फेक्शन यानि एमआई कहते हैं। ऐसा आमतौर पर उन मरीजों में होता है, जो डायबिटीज से पीड़ित होते हैं। इंडियन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, भारत में होने वाले कुल हार्ट अटैक का 50 प्रतिशत 50 से कम उम्र और 25 प्रतिशत 40 से कम उम्र के लोगों में होता है। गांवों की अपेक्षा शहर के लोग इस बीमारी के प्रति ज्यादा जागरूक हैं।  कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनके बारे में आपको बताते चलें   गाजियाबाद में आर्मी से रिटायर्ड हाजी हनीफ मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे। अचानक पीछे की तरफ फर्श पर गिरे। तड़पने लगे। कुछ सेकेंड में उनकी मौत हो गई। — 
मैनपुरी में रवि शर्मा रामलीला में हनुमान का रोल कर रहे थे। रामधुन पर थिरकते समय लड़खड़ाए और स्टेज पर गिरे। मौत हो गई। दर्शकों को लगा एक्टिंग कर रहे हैं।—-
वाराणसी में 32 साल का दीपक गुप्ता, पूरी तरह फिट। जिम में एक्सरसाइज करते समय सिरदर्द हुआ। जमीन पर गिरा, एक मिनट तड़पता रहा। अस्पताल ले गए, लेकिन सांसें थम चुकी थीं।—-
बरेली में लैब टेक्नीशियन प्रभात कुमार दोस्त विशाल की बर्थडे पार्टी में डांस कर रहा था। अचानक वह फ्लोर पर गिरा। रिश्तेदारों ने उठाया, लेकिन तब तक धड़कनें बंद हो चुकी थीं। वहीँ असमय हो रही मौतों पर देश के सर्वश्रेष्ट हार्ट डाक्टर अशोक सेठ ने नव भरत टाइम्स को बताया वो भी सुनिए   ———–  IPN न्यूज़ पर दिखाई गई इस खबर का एक मात्र उद्द्सेह्य ये है कि किसी भी तरह अपने स्वास्त्य्ह से खिलवाड़ ना करें समय समय पर स्वास्थ्य चेकुप कराते रहे

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