लेजेंडरी गीतकार संतोष आनंद को आज की पीढ़ी उनके नाम से भले ही
न पहचानती हो लेकिन उनके लिखे गीत हर कोई सुनता है और गुनगुनाता है।
संतोष आनंद ने अपने दौर में एक से बढ़कर एक नायाब और अमर गीत लिखे हैं।
इक प्यार का नगमा है, जिंदगी की ना टूटे लड़ी और मोहब्बत है क्या चीज,
जैसे एक से बढ़कर एक गीतों को लिखने वाले संतोष आनंद अब बुजुर्ग हो चुके
हैं और फिल्मों में गीत लिखने के लिये उनके पास अब कोई काम नहीं है
शारीरिक रूप से लाचार संतोष आनंद आजकल बहुत ही मुश्किलों का सामना कर
रहे हैं बावज़ूद इसके वे आज भी संघर्षरत हैं और कवि सम्मेलनों और
मुशायरों में दूर दूर तक जाकर अपनी लेखनी का जादू दिखाते रहते हैं। आख़िर
ऐसा क्या हुआ उनके साथ जो वे अचानक फिल्मी दुनियाँ से दूर हो गये? वो कौन
सा हादसा था जिसने उन्हें तोड़कर रख दिया? इन सभी बातों पर चर्चा करने से
पहले आइये एक नज़र डाल लेते हैं उनके गीतकार बनने के सफर पर