आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के एक असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा रिश्वत मामले में प्रोफेसर को निलंबित कर दिया गया है। असिस्टेंट प्रोफेसर का 40 हजार रुपये लेते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था। कॉलेज प्रबंधक ने इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक को भी शिकायत की थी। जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। परीक्षा केंद्र पर अब केंद्राध्यक्ष और दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं। पथौली के आरसीएस मेमोरियल महाविद्यालय में चल रहे सेमेस्टर एग्जाम के दौरान 6 जून को पर्यवेक्षक के रूप में डॉ. कौशल राना ने एक लाख रुपये की डिमांड की थी। धमकी दी थी कि अगर पैसे नहीं दिए तो कॉलेज को डिबार करा देंगे। डॉ. राना दाऊदयाल इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। कॉलेज प्रबंधक विकास भारद्वाज ने 40 हजार रुपये देते हुए वीडियो सबूत के रूप में परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश को दिया। वीडियो वायरल होने के बाद डॉ. राना की संविदा समाप्त कर दी गई है। उन्हें निलंबित कर दिया गया है। अब केंद्राध्यक्ष के रूप में रिटायर प्रिंसिपल डॉ. टीआर चौहान को नियुक्त किया गया है। उनके साथ पर्यवेक्षक के रूप में डॉ. रीता निगम और डॉ. शालिनी शर्मा होंगी।प्रति कुलपति प्रो. अजय तनेजा की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया गया है।