प्रयागराज। करीब 400 करोड़ की ठगी और धोखाधड़ी के आरोपियों की नामी-बेनामी संपत्तियों को खंगाला जाने लगा है। पुलिस की 2 टीमें जालसाजों की संपत्ति खंगालने लगीं तो चौकाने वाली जानकारियां सामने आईं। मुख्य आरोपी पति-पत्नी फरार हैं। उनकी आखिरी लोकेशन फैजाबाद के करीब मिली थी। ऐसे में पुलिस का शक है कि वह नेपाल में छिपे हो सकते हैं। एक टीम फैजाबाद पहुंची है। रियल इस्टेट और शेयर बाजार में रुपये लगाने लॉलच देकर अभिषेक द्विवेदी और उसकी पत्नी निहारिका ने सैकड़ों लोगों से ठगी की है पहले तो पुलिस ने इस मामले को मामूली माना लेकिन अब अभिषेक पर एफआईआर होने के बाद बहुत सारे लोग प्रतिदिन सामने आ रहे हैं कि उन्हें भी ठगा गया। अब पुलिस निहारिका वेंचर्स कंपनी के एमडी अभिषेक द्विवेदी, उसकी पत्नी निहारिका के नाम की संपत्तियों को खंगाल रही है। रियल इस्टेट और शेयर बाजार में रुपए लगाने के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला पुलिस के पास पहुंचा। गोविंदपुर निवासी डॉ. ओम प्रकाश द्विवेदी के पुत्र अभिषेक द्विवेदी ने वर्ष 2020 में पत्नी निहारिका के नाम से कंपनी बनाई। इसका नाम निहारिका वेंचर्स रखा। सिविल लाइंस के साईंधाम लैंडमार्क टावर में कार्यालय खोला गया। लोगों से कहा गया कि रियल स्टेट व शेयर बाजार में रुपये लगाने पर प्रतिमाह पांच व छह प्रतिशत मुनाफा मिलेगा। बड़ी संख्या में लोगों ने रुपये लगाए। बीच-बीच में अभिषेक द्विवेदी द्वारा लोगों को रुपये भी दिए गए लेकिन इधर करीब छह माह से रुपये देने बंद कर दिए। निवेश करने वाले लोग उसके पास फोन करते तो वह टालमटोल करता। छह जून को निवेशकों को पता चला कि डा. ओम प्रकाश ने पुत्र अभिषेक को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है। अधिवक्ता कौशल सिंह के साथ लोग शिवकुटी थाने पहुंचे। यहां कंपनी के एमडी अभिषेक द्विवेदी, निहारिका व डा. ओम प्रकाश द्विवेदी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। असल में जिस मामले को पुलिस मामूली ठगी और धोखाधड़ी मान रही थी अब वह कई करोड़ से 400 करोड़ तक पहुंचने लगा है। पुलिस को बताया कि 400 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई है। मामले में शनिवार को शिवकुटी थाना प्रभारी संजय गुप्ता ने डा. ओम प्रकाश द्विवेदी को गोविंदपुर टैक्सी स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। बेटे और बहु के बारे में वह जानकारी नहीं दे सकता तो अंत में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।