लखनऊ में रिटायर्ड आईएएस देवेंद्र नाथ दुबे की पत्नी मोहिनी दुबे की हत्या उनके ड्राइवर अखिलेश ने दोस्त रंजीत के साथ मिलकर की थी। साजिश में उसका भाई रवि यादव भी शामिल था। पुलिस ने मंगलवार को तीनों को गिरफ्तार कर लिया। अखिलेश को एनकाउंटर में गोली लगी है। उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपियों की निशानदेही पर करीब एक करोड़ रुपए के जेवरात बरामद हुए हैं। हत्या करने के बाद अखिलेश और रवि ने मोहिनी दुबे के अंतिम संस्कार में भी हिस्सा लिया। साथ ही फूट-फूटकर रोए भी थे। इसलिए पुलिस को पहली बार में उन पर शक नहीं हुआ। पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया- लूट की नीयत से हत्या की गई। आरोपियों की प्लानिंग घर में रखे जेवर और कैश चोरी करने की थी। लेकिन आखिरी वक्त में मोहिनी दुबे ने उनको देख लिया। पकड़े जाने के डर से उनकी गला दबाकर हत्या कर दी। DCP उत्तरी अभिजीत आर शंकर ने बताया- गहने और रुपए के लालच में हत्या की गई। अखिलेश यादव ने पुलिस से पूछताछ में बताया कि हत्या के बाद जेवरात गोमती नदी के किनारे झाड़ियों में छुपा दिए थे। पुलिस जब यहां उसको लेकर आई तो उसने बैग से असलहा निकालकर फायरिंग कर दी। यह असलहा उसने बैग में पहले से छुपा रखा था। अखिलेश को TB की बीमारी थी। उसने कई लोगों से इलाज के लिए पैसा उधार लिया था। बढ़ते कर्ज से वह परेशान था, इसीलिए इस वारदात की साजिश रची। अपने भाई रवि को भी साजिश में शामिल किया। दोस्त रंजीत को मोटी रकम का लालच देकर साथ मिलाया। रवि ने भाई अखिलेश से कहा था- घटना के दिन मैं साहब को गोल्फ क्लब लेकर सुबह जाऊंगा, उस वक्त मालकिन अकेले घर पर रहती हैं। उसी समय लूट करना और मालकिन को मार देना, ताकि पकड़े न जाओ। घटना के दिन (25 मई) अखिलेश साथी रंजीत को लेकर देवेंद्र दुबे के घर पहुंचा। अखिलेश ने मोहिनी से रंजीत को मिलवाया। रंजीत ने उनके पैर छुए। इसके बाद दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या की, फिर पेचकस से सिर पर कई वार किए। हत्या के बाद दोनों अलमारी में रखे जेवर और कैश बैग में भरकर भाग गए। जिस नीली स्कूटी से दोनों भागे थे, वह रंजीत की थी। स्कूटी अखिलेश चला रहा था और रंजीत पीछे बैठा था। दोनों ने हेलमेट लगा रखा था, जिससे पहचान न हो पाए। कैंट में रंजीत ने हेलमेट उतार दिया। सीसीटीवी में अखिलेश हेलमेट लगाए और रंजीत बिना हेलमेट कैद हुआ। यही सीसीटीवी पुलिस के लिए बड़ा क्लू था। इसी फुटेज के सहारे वारदात का पर्दाफाश कर पाई। शक के आधार पर जब पुलिस ने अखिलेश और रवि से पूछताछ की, तो दोनों ने गुनाह कबूल कर लिया। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अखिलेश को लूटे गए जेवरात और सीसीटीवी की डीवीआर बरामद करने के लिए ले गई। जिस बैग में जेवर और कैश रखा था, उसी में असलहा भी छुपा रखा था। अखिलेश ने उसे अचानक निकालकर पुलिस पर फायर कर दिया। जिसमें इंस्पेक्टर और एक सिपाही घायल हो गया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जो अखिलेश के पैर में लगी। आरोपियों से एक करोड़ के जेवर और बड़ी मात्रा में फॉरेन करेंसी बरामद हुई है। हत्याकांड में इस्तेमाल नीली स्कूटी भी बरामद कर ली गई। हत्या के बाद पुलिस ने मोहिनी दुबे के शव का पोस्टमॉर्टम कराया था। इसमें सामने आया था कि गला दबाकर हत्या हुई। सिर पर चोट के निशान मिले थे। घटनास्थल पर आरोपी से बचने की कोशिश करते हुए संघर्ष हुआ था। इस दौरान खून भी पड़ा मिला था। पीछे से गले को दुपट्टे से कसा गया था। पीछे से सिर पर वार भी किया गया था