Monday, December 23, 2024
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प्रख्यात कथावाचक साध्वी ऋतंभरा ने संभल को लेकर कहा हरिहर मंदिर के सत्य को छुपाया नहीं जा सकता, राहुल गांधी पर पलटवार कर कहा संविधान की दुहाई देने वाले खुद उड़ा रहे हैं धज्जियां, बांग्लादेश को दो नसीहत औकात में रहे

महोबा /उत्तर प्रदेश:महोबा में आयोजित होने जा रही भागवत कथा में शिरकत करने पहुंची प्रख्यात कथावाचक साध्वी ऋतंभरा ने सम्भल मामले में कहा कि हरिहर मंदिर को छुपाने का प्रयास किया गया लेकिन सत्य सूर्य के समान होता है जिसे कभी छुपाया नहीं जा सकता। यही नहीं उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर सख्त लहजे में कहा कि बांग्लादेश का अस्तित्व भारत से है इसलिए बांग्लादेश अपनी औकात में रहे साथ ही उन्होंने राहुल गांधी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि संविधान की दुहाई देने वाले खुद पार्लियामेंट में संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान को ही सर्वोपरि ग्रन्थ माना इसलिए उन्होंने संसद की दहलीज पर शीश रखकर प्रणाम किया है।दरअसल आपको बता दें कि महोबा के कबरई कस्बे में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में शामिल होने प्रख्यात कथावाचक साध्वी ऋतंभरा महोबा पहुंची जहां आरएसएस कार्यकर्ता अजय प्रताप सिंह के आवास पर श्रद्धालुओं और भक्तों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने आयोजित होने वाली कथा और कलश यात्रा को लेकर आयोजक मंडल से जानकारी हासिल की साथ ही पत्रकारों से वार्ता कर संभल मामले पर खुलकर बयान भी दिया। उन्होंने संभल को लेकर कहा कि संभल में माहौल खराब करने की कोशिश की गई सर्व एक कानूनी प्रक्रिया थी जिसमें जानबूझकर ऐसा व्यवहार सत्य को छुपाने के लिए किया गया सर्वे से किसी को क्या तकलीफ होने वाली थी सर्व तो हर बार होने चाहिए, मगर सच छुपाने के लिए माहौल बिगाड़ा गया, लेकिन जैसे सूरज को नहीं छुपाया जा सकता ऐसे हरिहर मंदिर के सत्य को भी छुपाया नहीं जा सकता।राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को संविधान का रक्षक और भाजपा आरएसएस को मनुस्मृति का समर्थन करने वाला बताने पर उन्होंने पलटवार किया और कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने संविधान को सर्वोपरि ग्रंथ माना है और जब पहली बार पार्लियामेंट में गए तो उसकी दहलीज पर प्रणाम किया था। संविधान की रक्षा हमी कर रहे है ऐसी दुहाई देने वाले ही पार्लियामेंट में संविधान की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहे हैं। करोड़ों रुपए संसद में खर्च होता है फिर भी पार्लियामेंट चलने नहीं दी जा रही, यही संविधान की धज्जियां उड़ाना है। सत्य को छुपाने का प्रयत्न किया, कानून की अवहेलना करके भीड़ तंत्र ने आकर पत्थरबाजी की क्या यही संविधान की रक्षा नहीं है।यही नहीं उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर सख्त लहजे में कहा कि बांग्लादेश का अस्तित्व ही भारत की कृपा से हुआ है बांग्लादेश को अपनी औकात में रहना चाहिए।

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