वाराणसी : नमो घाट के फेज-2 और फेज-3 का उद्घाटन करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ 15 नवंबर को वाराणसी आ सकते हैं। ऐसे में जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। वहीं फेज-1 में बने घाट के पत्थर दरकने लगे हैं। 34 करोड़ रुपए खर्च करके बने इस घाट के पत्थर कुछ ही सालों में ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं। वहीं कार्यदायी संस्था आरके वैदिक जिसे इस घाट के रख रखाव की जिम्मेदारी मिली है वह चुप्पी साधे हुए है।
फेज-1 के ओपेन थियेटर वॉक-वे जहां आज कल देव दीपावली के उपलक्ष्य में सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं। वहां मंच के सामने ही पत्थर दरका हुआ है। इसके अलावा मालवीय ब्रिज के नीचे तक कई पत्थर दरक चुके हैं। वाराणसी में प्रधानमंत्री के सबसे बड़े ड्रीम प्रोजेक्ट नमो घाट के पत्थर अब दरकने शुरू हो गए हैं। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से इसे काशी के सबसे खूबसूरत घाट के रूप में बनाया गया है। फेज-1 का प्रधानमंत्री ने स्वयं साल 2023 में उद्घाटन किया था। 2022 में बनकर तैयार हुए इस घाट में 34 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इस ड्रीम प्रोजेक्ट में अब पैबंद लगने शुरू हो गए हैं। नमो घाट पर लगे पत्थर दरकने लगे हैं और कार्यदायी संस्था आरके वैदिक इसकी देखरेख नहीं कर रही हैइस संबंध में जब हमने नमो घाट के रखरखाव के लिए जिम्मेदार आर के वैदिक संस्था के अधिकारी पुनीत अग्रवाल से बात की तो उन्होंने बताया- बाढ़ में जब पानी ऊपर तक आ गया था तो यहां नौकाएं चल रहीं थीं। हमने इन नौकाओं को यहां से हटवाने के लिए नगर निगम को कहा था पर उन्होंने नौकाओं को नहीं हटवाया। जिसकी वजह से यह टूट-फूट हुई है। जब बाढ़ के उतरने के बाद सिल्ट हटाई गई तो टूटे हुए पत्थर सामने आये हैं। जिन्ह अब एक-एक करके दुरुस्त किया जा रहा है।
आर के वैदिक नमो घाट पर कमाई के नाम पर दो दर्जन से अधिक दुकानें 15 हजार और 20 हजार रुपए किराए पर चला रही है। वहीं कई खेल कूद की चीजें लगाकर भी पैसा कमा रही है। फिर भी रख-रखाव की कमी दिखाई दे रही है।