कानपुर में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। सरकारी नौकरी पाने के लिए एक परिवार में आपस में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि मां और बेटी आमने सामने आ गए। बेटी ने नौकरी हथियाने के लिए पिता का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया, उसमें अपनी दादी को पिता की पत्नी दर्शा दिया। मां ने जब पुलिस से शिकायत की तो पुलिस की तरफ से कार्रवाई नहीं की गई। इसपर मां महानगर मजिस्ट्रेट 8 की कोर्ट में शरण ली। कोर्ट के आदेश पर बेटी समेत अन्य परिजनों के खिलाफ जूही थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।जूही बंबुरिया निवासी मीरा देवी ने सन 2023 में मजिस्ट्रेट कोर्ट में केश दाखिल किया था। इसमें उन्होंने बेटी हेमा कनोजिया, उसके पति पंकज कनोजिया, पप्पी, राजेश, संतोष, तनु निवासी नवाबगंज को आरोपी बनाया। उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि उनके चार बच्चे हैं। पति से पारिवारिक विवाद था जिसके चलते वह पति से अलग रह रही थी।कोर्ट को मीरा देवी ने बताया कि परिवार वालों ने उनके और पति स्व. बाबूराम के बीच समझौता कराया था। जिससे बेटा अनुराग कुमार और बेटी अंकिता मीरा देवी के पास रहने लगे और बेटी तनु और हेमा पति के साथ रहने लगी थी। मीरा देवी के मुताबिक पति से मुकदमेंबाजी में उन्हें गुजारा भत्ता मिलने के आदेश हुए थे। इसी दौरान पति का 15 जुलाई 2022 को देहांत हो गया।मीरा देवी ने कोर्ट को जानकारी दी कि पति केडीए में कर्मचारी थे। उनकी मौत के बाद मीरा देवी ने मृत्यु प्रमाण पत्र, पारिवारिक सदस्यता प्रमाणपत्र, मृतक पति का आधार कार्ड, मीरा देवी का आधार कार्ड, पुत्र का आधारकार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैनकार्ड, हाईस्कूल की मार्कशीट, इण्टर की मार्कशीट, ड्राइविंग लाइसेंस, बेटी अंकिता उर्फ रचना का आधार कार्ड, बीएड की मार्कशीट, 125 सीआरपीसी के मुकदमे के आदेश की प्रमाणित कॉपी मीरा देवी के पास मौजूद है। जिसमें मीरा देवी के पति का नाम बाबूराम ही अंकित है।